What Does baglamukhi shabhar mantra Mean?
What Does baglamukhi shabhar mantra Mean?
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स्वर्णाभां कर-पीडतारि-रसनां भ्राम्यद्-गदां विभ्रतीम् ।
It helps to usher in additional positivity in your lifetime. As you retain chanting this mantra, you will truly feel the burdens of the heart are greatly relieved and you'll start to come to feel light-weight, comfortable and self-assured. Bagalmukhi Devi is the eighth of the 10 Mahavidyas. Baglamukhi Mantra evokes countless pros for all-round protection, prosperity and perhaps gives safety versus ailments and Serious challenges and also incidents. Regular Japa on the Baglamukhi Mantra is said to paralyze the Moi and actions of the person who tries to hurt us.
That means: We pray towards the Goddess to paralyse the negative forces and quit their tongue that makes destruction.
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तंत्र साघक विना गुरू की सहमति के तथा वापसी प्रयोग होने पर बचाव प्रकरण सिद्ध होने पर ही प्रयोग करें।
आप सभी को दीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं
पीयूषोदधि-मध्य – चारु – विलसद् – रत्नोज्ज्वले मण्डपे ।
Bagalmukhi Mantra will help an individual strengthen their capabilities and achieve terrific factors in their daily life. People who chant the Baglamukhi mantra have observed dissimilarities in their lives.
ॐ मलयाचल बगला भगवती महाक्रूरी महाकराली राजमुख बन्धनं ग्राममुख बन्धनं ग्रामपुरुष बन्धनं कालमुख बन्धनं चौरमुख बन्धनं व्याघ्रमुख बन्धनं सर्वदुष्ट ग्रह बन्धनं सर्वजन बन्धनं वशीकुरु हुं फट् स्वाहा।
नमस्ते बगलां देवीं, जिह्वा-स्तम्भन-कारिणीम् ।
शाबर मंत्रों को साधने के विघान कुछ विशेष ही होते है। कुछेक जल में रह कर, कुछ शमशान तिराहे पर, चौराहे पर यहाँ सहज ही सरल विधान दे रहे हैं, किसी भी मंगलवार, इतवार,बृहस्पतिवार या अस्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल, मीठे तेल या शुद्ध घी के साथ एक चुटकी हल्दी के साथ यह दीपक जलाकर व साघक साधना के समय पिले वस्त्रों को धारण करें और पीला तिलक लगा कर देवी चित्र या मूर्ति का पूजन हल्दी से करें व पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से कोई भी एक का जप करें तथा पिला ही भोग लगावें इस प्रकार ४३ दिवस तक करने से कार्य में अवश्य ही विजयी प्राप्ति होती है यहा केई बार तो चार ,छै: दिनों में ही सफलता हाथ लगती है।
साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता।
यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।
more info ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय।